यूदस इसकारियोत ईसा का विश्वासघाती पट्टशिष्य; बाइबिली में १२ पट्टशिष्यों की जो सूचियाँ मिलती हैं, उनमें उसका नाम सदा अंतिम स्थान पर दिया जाता है। यूदस को आशा थी कि ईसा एक पार्थिक मसीह के रूप में प्रकट होंगे। यह देखकर कि ईसा एक पार्थिव मसीह के रूप में प्रकट होंगे। यह देखकर कि ईसा केवल आध्यात्मिक मूल्यों को महत्व देते हैं, यूदस का विश्वास घीरे धीरे ईसा पर से उठ गया। वह बाहरी तौर पर ईसा का शिष्य बना रहता था क्यांकि दान के रूप में ईसा को मिलने वाले धन की थैली उसके पास थी जिसमें से वह चोरी किया करता था। आर्थिक लाभ के लोभ में पड़कर वह ईसा की गिरफ्तारी में सहायक बना, उसके लिये उसे चाँदी के तीस सिक्के मिले। यूदस ने ईसा को गिरफ्तार करनेवालों से कहा- जिसका मैं चुंबन करूँगा वह है ईसा, उसे पकड़ लेना और सावधानी से ले जाना। तब उसने गेतसेमनी की बारी में अपने गुरू का चुंबन करके उनके साथ विश्वासघात किया। बाद में यह देखकर कि ईसा को क्रूस दंड मिला है, पश्चाततापी यूदस ने याजकों के पास जाकर उन्हें चाँदी के तीस सिक्के लौटाना चाहा। जब याजकों ने उन्हें स्वीकार नहीं किया तब यूदस उन सिक्कों को मंदिर में पटककर चला गया और उसने फाँसी लगा ली (संत मंत्ती का सुसमाचार, अध्याय २६-२७)

सं०ग्रं०- एनसाइक्लोपीडिक डिक्शनरी ऑव दि बाइबिल, न्यूयार्क, १९६३। [(फ़ादर) आस्कर वेरेक्रुइसे]