यूगंडा स्थिति: ४�उ० अ० से १�द० अ० तथा ३०� से ३५� पू० दे०। पूर्वी मध्य-अफ्रीका का एक विषुवत् रेंखीय देश है, जो पूर्णत: अंतर्वर्ती है। इसके उत्तर में सूडान, पशिचम में काँगो (लिओपोल्डविल) पूर्व में केन्या, दक्षिण-पश्चिम में रूआंडा, एवं दक्षिण में टैंगैन्यीका देश तथा विक्टोरिया झील स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल ९३,९८१ वर्ग मील है, जिसका १३,६८९ वर्ग मील भाग जलग्रस्त एवं दलदली है।
प्राकृतिक स्वरूप- देश का अधिकांश भूभाग पठारी है, जो समुद्रतल से लगभग ४,००० फुट ऊँचा है। पश्चिमी सीमा पर रूबंजोरी पर्वत स्थित है, जिसका उच्चतम शिखर समुद्रतल से १६,७९१ फुट ऊँचा है, जककि पूर्वी सीमा पर स्थित ऐलगन पर्वत की अधिकतम ऊँचाई १४,१७८ फुट है। देश के मध्य में क्योगा एवं दक्षिण में विक्टोरिया झीलें स्थित हैं।
जलवायु- समुद्रतल से अधिक उँचाई पर स्थित इस देश का ताप अन्य विषुवत्रेखीय प्रदेशों की तुलना में न्यून है। औसत वार्षिक ताप उत्तर में १५� सें० एवं दक्षिण में २२� सें० है। वार्षिक तापांतर साधारण हैं। औसत वार्षिक वर्षा की मात्रा उत्तर में ३५ इंच एवं दक्षिण में ५९ इंच तक है।
प्राकृतिक वनस्पति एवं जीवजंतु- पश्चिम के उच्च प्रदेश में लंबी घास तथा वनों की प्रचुरता है। उत्तर के शुष्कतर क्षेत्र में छोटी घास ही अधिक मिलती है। देश के दक्षिणी भाग में प्राकृतिक वनस्पति साफ करके भूमि को कृषियोग्य बना लिया गया है, हिसमें केले की उपज मुख्य है। कहीं कहीं हाथी घास उगती है, जिसकी ऊँचाई १० फुट तक हो जाती है।
पशुओं में हाथी, दरियाई घोड़ा भैंसा, बंदर इत्यादि अधिक हैं। कुछ भागों में शेर, जिराफ तथा गैंड़े भी मिलते हैं।
कृषि- कृषि में कपास, कहवा, गन्ना तंबाकू तथा चाय की उपज महत्वपूर्ण है। अन्य फसलों में केला, मक्का और बाजरा उल्लेखनीय हैं।
उद्योग- खनिज ताँबा उत्खनन तथा कपास एवं कहवा संबंधी उद्योग प्रमुख हैं। अन्य उद्योग धंधों के अंतर्गत वस्त्रनिर्माण, सीमेंट, मदिरा, चीनी, लकड़ी चीरने तथा साबुन निर्माण का काम होता है।
[राधिकानारायण माथुर]