यमन स्थिति: १५उ० अ० तथा ४४ पू० दे० । यह अरब प्रायद्वीप के दक्षिण पश्चिमी कोने पर स्थित एक स्वतंत्र राष्ट्र हैं । इसके केवल तीन और अंकित सीमा है तथा पूर्व की ओर निर्घारित नहीं हैं । पश्चिमी सीमा पर ३०० मील की लंबाई में लाल सागर फैला हैं । इसका क्षेत्रफल ७५,००० वर्ग मील हैं । यह एक पहाड़ी देश हैं । इसके उतर-पुर्व में रूब-एल-खाली मरूस्थल हैं । यहाँ ४,००० से १००० फुट ऊॅचे उपजाऊ पठार भी हैं । यहाँ कोई वादियॉ (नदियाँ ) बहती हैं, जिनमें उतर में बादी नजरान तथा दक्षिण में रूब-एल-खाली तथा हैद्रामात (Hadramawt) बहती हैं । यहाँश् जनवरी का ताप १४श् सें० तथा गरम जून मास का ताप २२श् सें० रहता हैं । उच्च प्रदेशों पर १६ इंच वर्षा होती हैं । यहाँ धूल के तूफान अधिक चला करते हैं । वनस्पति में बबूल, खजूर तथा फलों के पेड़ प्रमुख हैं । यद्यपि यहाँ शुष्क वन अधिक मिलते हैं, फिर भी ऐल्पाइन गुलाब, बालम (गुल मेंहदी ) तथा तुलसी के पौधे पठरों तथा वादियों के किनारे मिलते हैं । जीवजंतुओं में बैबून, हरिण, (gazelle), तेदुए, पहाड़ी खरगोश आदि प्रमुंख हैं । पक्षियों में गिद्व, सारस, बगुला, तोता, हॉर्नबिल, चटखोरा आदि मिलते हैं । यहाँ की अनुमानित जनसंख्या ५०.००,००० (१९६२) थी । यहाँ की राजधानी सॉन ऐ (Sona) है, जिसकी जनसंख्या २५,००० (१९५०) थी। अन्य प्रमुख नगर ताइज़ (Taizz), अल-हुदैदाह (al Hudaydah), बैत अल-फकीह (Bayt al Faqih) हैं। अरबी यहाँ की प्रमुख भाषा है। यहाँ का धर्म इस्लाम है। केवल ५% भूमि पर कृषि की जाती है। उच्च प्रदेश प्रमुख कृषिस्थल हैं। शुष्क कृषि में कॉफी का स्थान अति प्राचीन कल से प्रमुख है। काट (Qat) की पैदावार तेजी से कॉफी का स्थान ले रही है। फलोंश् में सेब, खूबानी, केला, कई प्रकार के अंगुर, नीबू, आडू, नारंगी तथा कई प्रकार के तरबूज अधिक उगाए जाते हैं। बादाम तथा अन्य काष्ठफल भी उगते हैं। जौ, जई, कम्मा, ज्वार, बाजरा, धान, तिल तथा सोरघम का खाद्यान्नों में प्रमुखा स्थान है। पठारों तथा समुद्री तटों पर गेहूॅ भी उगाया जाता है। खनिजों में नमक तथा चूने के पत्थर का स्थान प्रमुख है।

यहाँ नए नए उद्योगों की स्थापना की जा रही है तथा कपड़ा बनाने, सीमेंट बनाने एवं विद्युत् निर्माण के कारखानों की स्थापना पर विचार किया जा रहा है। यमन में हाथ से बने कपड़े, आभूषण, जूते आदि बनाए जाते हैं। समुद्र के किनारे तथा पठारों पर रहनेवाले लोग फूस, मिट्टी तथा पत्थर के बने झोपड़ों में रहते हैं, धनी लोग बड़े बड़े मकानों में रहते हैं। जनसंख्या का केवल ५% भाग शिक्षित है। समुद्र के किनारे के लोग मछली मारते तथा मोती निकालने का काम करते हैं। यातायात की उन्नति नहीं हो पाई है।श् [रमेश चंद्र दुबे]