मोरवी १. भारत के स्वतंत्र होने से पहले यह देशी राज्य, पूर्वी कठियावाड़ सबएजेंसी के अधिकार में, था। इसका क्षेत्रफल ८२२ वर्ग मील था। यहाँ के शासक (पदवी ठाकुर) जदेजा राजपूत थे और अपने को कच्छ के राव का वंशज मानते थे। फरवरी १५, १९४८ ई. में यह सौराष्ट्र में मिला दिया गया। अब यह क्षेत्र गुजरात राज्य में है।

२. नगर, स्थिति : २२ ४९ उ० अ० और ७० ५३ पू० दे०। मच्छू नदी के तट पर, राजकोट सौराष्ट्र जिले का नगर है। राजकोट से रेल और सड़क द्वारा जुड़ा है। यहाँ गुजरात विश्वविद्यालय से संबद्ध एक टेक्निकल इंस्टिट्यूट है, जिसकी स्थापना १९५१ ई. में हुई थी।