मोरलैंड, विलियम हैरिसन (१८८८-१९३८) का जन्म आयरलैंड में हुआ, और शिक्षा केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में हुई। १८९८ में उसने लॉ की डिग्री प्राप्त की। इंडियन सिविल सर्विस की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर वह भारत आया, और उसकी नियुक्ति उत्तर प्रदेश में (जिसे उस समय उत्तर पश्चिमी सूबा कहा जाता था) सहायक बंदोबस्त अधिकारी के पद पर हुई। अगले २५ वर्ष मोरलैंड ने उत्तर प्रदेश में काटे, और १२ वर्ष पर्यन्त वह भूमि लेखा तथा कृषि का निदेशक रहा। उसे कृषिसुधार तथा शासन सुधार में विशेष दिलचस्पी थी। ४६ वर्ष की आयु में उसने सिविल सिर्विस से अवकाश ग्रहण कर लिया। दो वर्ष तक मध्यभारत की एक रियासत में परामर्शदाता के पद पर रहा। १९२६ में वह इंग्लैंउ लौट गया और अपने जीवन का शेष काल इतिहास के अध्ययन में बिताया।

मध्यकालीन भारत की कृषि व्यवस्था और आर्थिक जीवन के अध्ययन में मोरलैंड का विशेष स्थान है। मोरलैंड की रचनाओं में 'इंडिया ऐट दी डेथ ऑफ अकबर', 'फ्रॉम अकबर टु औरंगजेब', तथा 'द एग्रेंरियन सिस्टम ऑव मुस्लिम इंडिया' प्रमुख हैं।श् [स० चं०]