मोर, हेनरी (१६१४-१६८७) अंग्रेज दार्शनिक, जो प्लेटो के मतावलंबी दार्शनिकों से बड़ा प्रभावित था। मुख्यत: इसका आकर्षण नव पलेटोवाद की ओर था। उसका परिचय कई विद्वानों से था। कई विकसितमस्तिष्क युवक युवतियाँ उसके मत से आकर्षित थीं। इनमें लेडी कॉनवे सबसे प्रसिद्ध हैं, जो मोर के अतिरिक्त पेन से भी सुपरिचित थीं। लेडी कॉनवे के एकांत आवास एग्ले में मोर ने अपनी कई रचनाओं का सृजन किया, जिनमें लेडी कॉनवे की धार्मिक भावनाओं का प्रभाव है। लेडी कॉनवे बाद में हलमाट और ग्रेटरेक्स क्वेकर्स (Quakers) से प्रभावित हुई, जिससे एग्ले हृदय के रहस्यपक्ष का केंन्द्र बन गया। मोर के चिंतन को इससे काफी धक्का लगा।
मोर तत्कालीन केंग्रिज के रहस्यवादी एवं ईश्वरवादी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता है। उसकी रचनाएँ गद्य और पद्य दोनों में ही हुई। रचनाओं में �डिवाइन डाइलाग्स� सर्वाधिक प्रसिद्ध है जिसमें उसके धर्म दर्शन संबंधी विचार हैं। नव प्लेटोवाद की रहस्यवाद अतिवादिता उसकी रचनाओं में खुलकर प्रकट हुई, जो अपने विकसित रूप में उसकी गहन कल्पना के दीर्घाकाश में विलीन हो गई।श् [श्री.कृष्ण सक्सेना]