मोदिग्लियानी अमेदिया इस इटालियन चित्रकार का जन्म एक यहूदी खेतिहर परिवार में सन् १८८४ में लेगहोर्न में हुआ। सन् १९०९ में वह पेरिस आया और आर्ट स्कूल में प्रविष्ट हो गया पर आर्ट स्कूल में जाने की अपेक्षा वह रेखांकन, चित्रण तथा पत्थरों के शिल्प बनाने का उद्योग अपने स्टूडियों में ही बैठकर करने लगा। उसने देहाती कला और आफ्रकन प्राचीन मूर्तियों की प्रेरणा से शिल्पकला में अपनी मौलिकता दिखाई।
पेरिस की जिंदगी की अव्यवस्था से वह टूटता ही गया और मन की निराशा को मदिरा में डुबाने लगा। मौंतमार्ते और मोंतपारनासी के चित्रकार कवि, विक्रेता, नौकर और महिलाओं को जबरन माडेल बनाकर वह एक ही बैठक में चित्र पूरा कर लेता था। बदामी गहरी आँखें लंबी नाक और ऊँची गर्दन पर रखी अंडाकार मुखकृति की विशेषताएँ रखते हुए उसने व्यक्तिचित्र बनाए। पोलैंड के कवि जोब्रावस्की ने उसे अंत तक सँभालने में सहयोग दिया। आज उसके चित्र काफी महँगे हैं। पेरिस तथा न्यूयार्क की कला गैलरियों में उसकी कुछ कृतियाँ हैं। [भाऊ समर्थ]