मोंताने, जुआन मार्तिनेज (सन् १५८०-१६४९) इस स्पेनिश शिल्पकार का जन्म ग्रेनाडा विभाग के अल्काला-ला-रियाल में हुआ। उसने पाब्लो दे रीक्सा से शिक्षा ग्रहण की। सुबर्णा मूर्तियाँ के भीतर की काष्ठ की कृतियाँ उसने ही बनाई। उसके यथार्थवादी शिल्प का नमूना �क्रूसिफिक्शन� सेबिलि कैथीड्रल में अब भी है। सान जान द बाप्तिस्त, सान इग्नाच्यूस, सर फ्रांस बोर्ज्ता आदि की मूर्तियाँ चर्चों में तथा सेविलि यूनिवर्सिटी में हैं। कल्पना की अपेक्षा यथार्थ साद्दश्य पर विश्वास कर निर्दोष शिल्पांकन के कारण उसकी कला लोकप्रिय हुई। उसकी मूर्तियों की अनुकृति करनेवाले काफी शिष्य उसके पास थे।श् कोई शिष्य मौलिकता के साथ आगे नहीं बढ़ सका। [भाऊ समर्थ]