मैसोलिनो दा पेनिकेल (१३८३-१४४३) पलोरेंस के समीप पेनिकेल दी वाल्देसा में इस कलाकार का जन्म हुआ। फिनो इनके पिता थे। शुरू में ही वह पुनर्जागरण के पूर्वकाल के श्रेष्ठ चित्रकार माने जाने लगे। शांत प्रभाव, प्रकाश और छायानुसार सुसंवादी रंगों की रचना, अभिनय और मुखाकृति के भावों से अनुमान किया जाता है कि इन्होंने ट्रेंसेरिस्ट से शिक्षा ग्रहण की थी। चुईबांल्टग, कारमाइन, सान क्लेमेंते के चचोंश् की दीवारों पर इनकी कृतियाँ अंकित हुई। रोम तथा पलोरेंटिन नगरों में और नेपुल्स के म्यूजियम में इनकी कृतियाँ सुरक्षित हैं। इनकी कला सत्यान्वेषण के कारण जिऔतिश्श् की कला परंपरा से निर्गवादी कला आंदोलन तक प्रगति करती रही। इनका मेधावी शिष्य चित्रकार मासासिओ अपनी कला में इनसे भी आगे निकल गया। इनकी कुछ कृतियों में मासासिओ के चित्रों का प्रभाव है। [भाऊ समर्थ]