मैलेसन्, कर्नल जी० बी० आपका जन्म ८ मई सन् १८२५ ई. को लंदन में हुआ था। आपकी शिक्षा बिबलडन तथा विचेस्टर कॉलेज में हुई। आपको ११ जून सन् १८४२ ई. में कर्नल आलिफैंट की कृपा से सेना में कमीशन मिल गया। शीघ्र ही आप २८ सितंबर को लेफ्टनेंट बने। आपकी नियुक्ति कमिसरियत विभाग में हुई। बर्मा के दूसरे युद्ध में आपने भाग लिया। २८ मार्च सन् १८५६ में आप असिस्टेंट मिलिटरी ऑडिटर-जनरल बने तथा सिपाही विद्रोह के काल में आप मिलिटरी एकाउंट्स से संबंधित रहे। आपने सन् १८५७ ई. में सिपाही विद्रोह पर एक पुस्तक लिखी जिसपर किसी लेखक का नाम नहीं था। इसे लाल पत्रिका के नाम से पुकारा गया। आपने लार्ड डलहौज की नीति को ही दोषी ठहराया तथा अवध के अपहरण की तीव्र आलोचना की। १६ अक्टूबर सन् १८६१ ई. में आप कैप्टरन बने तथा १८ फरवरी १८६३ को मेजर। ११ जून १८६८ में आप लेफ्टिनेंट कर्नल तथा ११ जून १८७३ में कर्नल नियुक्त हुए। सन् १८६८ में कंट्रोलर ऑव मिलिटरी फाइनेंस बने। सन् १८६९ में लार्ड मेयो ने आपको मैसूर के कुमार महाराज के संरक्षक का पद दिया। आप इस पद पर १ अप्रैल सन् १८७७ ई. तक रहे। ३१ मई सन् १८७२ ई. में आपकों सी.एस.आई. की उपयधि से विभूषित किया गया। १ मार्च सन् १८९८ ई. में अपाकी मृत्यु हो गई। आपने मध्य एशिया में रूस क प्रगति को ओर विशेष रूप से लिखते रहे। आपने मध्य एशिया में रूस की प्रगति की ओर विशेष रूप से लोगों का ध्यान आकर्षित किया।

[जितेंद्रनाथ वाजपेयी]