मैकमांहौं, सर आर्थर हेनरी सर आर्थर हेनरी एक अँग्रूज सैनिक अफसर तथा प्रशासक था। इसका जन्म २८ नवंबर, सन् १८६२ को हुआ तथा २९ दिसंबर, सन् १९४९ को लंदन में मृत्यु हो गई। हेलीबरी तथा सैंडहर्स्ट के रॉयल सैनिक कॉलेज में शिक्षा पाकर मैकमाहों सेना में प्रविष्ट हुआ। सन् १८९० में इसने भारत सरकार के राजनीतिक विभाग में पदार्पण किया और कई मिशनों में राजनीतिक एजेंट के रूप में काम करता रहा। सन् १९०१ में सर हेनरी मैकमाहों बलूचिस्तान का मालगुजारी तथा न्याय संबंधी कमिश्नर बना दिया गया। इसकी अध्यक्षता में सीस्तान मिशन फारसकी खाड़ी भेजा गया हाँ इसने इंग्लैंड और रूस के मध्य सीमा संबंधी प्रश्न को अंतिम रूप से सुलझाया। सन् १९११ में वह भारत सरकार का परराष्ट्र सचिव बना दिया गया और प्रथम महायुद्ध के प्रारंभ होने तक इस पद पर काम करता रहा। सन् १९१३-१४ में इंग्लैड, तिब्बत और चीन के बीच सीमा निर्धारण के संबंध में सर हेनरी सर्वोच्च ब्रिटिश अधिकारी था। इसके द्वारा निर्धारित सीमांत रेखा को मैकमाहों लाइन की संज्ञा दी जाती है। सन् १९१४ में मिश्र में नियुक्त होनेवाला वह पहला ब्रिटिश हाई कमिश्नर था। प्रथम महायुद्ध के समाप्त होने पर सन् १९१९ में वह पेरिस सम्मेलन में अंग्रेजों का मुख्य प्रतिनिधि भी था। [मिथिलेशचंद्र पांड्य]