मैकलाउरिन, कोलिन (Maclaurin Colin, १९९८ से १९४६ ई०) अंग्रेज गणितज्ञ थे। इनकी शिक्षा ग्लैसगो विश्वविद्यालय में हुई थी। शिक्षा के उपरांत १७१७ ई० में ये ऐबरडीन में और फिर १७२५ ई० में एडिनबरा विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर नियुक्त हुए। १७१९ ई० में इनकी ज्यॉमेट्रिया ऑर्गेनिका (Geometria Organica) प्रकाशित हुई,
जिसमें शांकव जनन की एक नवीन एवं विलक्षण विधि और तथा कथित 'क्रेमर के असत्याभास' की चर्चा थी। १७२० ई० में प्रकाशित इनके शोधपत्र 'दे लिनेआरूक जेओमैत्रिकारूम प्रोप्रिएताजिबुस'श् (De Linearum geometricarum proprietatibus) में दो प्रमेयों का वर्णन है और उनके द्वारा द्वितीय एवं तृतीय घातों के वक्रों का अध्ययन किया गया है। प्रवाहन-कलन पर लिखित इनकी पुस्तिका में सर्वप्रथम महत्तम और लघुत्तम बिदुंओं में से उनकी पहचान की ठीक विधि दी गई है और �गुणक विंदुओं के सिद्धांत� में इनके उपयोग की व्याख्या की गई। पदिक वक्रों पर भी सर्वप्रथम इन्होंने ही लिखा और चलन कलन के प्रसिद्ध मैकलाउरिन नियम का शोध किया। १४ जून, १७४६ ई० को एडिनबरा में इनकी मृत्यु हो गई।
[रामकुमार]