मैंसफील्ड, कैथरीन श्कैथलीन मैंसफील्ड बोशैंप का कैथरीन मैंसफील्ड उपनाम था। इस प्रसिद्ध अंग्रेजी कहानी-लेखिका का जन्म वेलिग्टन में १४ अगस्त, १८८८ को हुआ। उसका विवाह जॉर्ज बाउडेन के साथ १९०९ में हुआ और १९१८ में उसके साथ तलाक हो गया। १९१८में जॉन मिडिलटन मरे के साथ उसका पुनर्विवाह हुआ। फोंतेब्लो में ९ जनवरी, १९२३ को कैथरीन की मृत्यु हुर्ह। असकी शिक्षा वेलिंग्टन और लंदन में हुई। लंदन में वह १९०३ में वह न्यूजीलैंड लौटी और १९०८ तक रही। फिर इंग्लैंडश् लौट आई।श् जीवन के अंतिम दिनों में वह यक्ष्मापीड़ित हो गई थी और स्थान स्थान पर वह इस रोग का उपचार खोजती घूमी। अपनी कला में तह और भी अधिक संयम, ऊंचे स्तर के बंधन लगाती गई। यद्यपि उसकी सभी कहानियों में न्यूजीलैंड का वर्णन नहीं है, तथापि उन कहानियों का अंग्रेजी साहित्य में बहुत महत्व है जो उसके न्यूजीलैंड में बिताए गए बचपन के बारे में हैं, यथा 'ऐट दि बे' (खाड़ी के किनारे)। कैथरीन की कहानियाँ सूक्ष्म मानवी संवेदनाओं के चित्रण और उसकी व्यापक सहानुभूति के लिये तथा भावस्पर्शी शिल्प के लिये बहुत प्रसिद्ध हैं। कैथरीन की दूसरी विशेषता यह है कि लेखिका होने के लिये वह किसी विशेष दृष्टिकोण के बंधन से बँधी नहीं है, उसमें अति भावुकता नहीं है। परंतु बड़ी सहजता स्पष्टवादिता और यथार्थता भी है।
कैथरीन की प्रमुख कृतियाँ हैं- कथासंग्रह: 'इन ए जर्मन पेंशिओं' (जर्मन धर्मशालया में, १९११); प्रिल्यूड (प्रारंभिक, १९१८); 'जे ने पार्ले पा फ्राँस'श् '(मैं फ्रेंच नहीं बोल सकती; १९१९) दि गार्डन पार्टी' (उद्यानगोष्ठी, १९२२);श् 'दि डव्ज़ नेस्ट' (कबूतरी का घोंसला, १९२३); समर्थिग चाइल्डिश (कुछ बचपना, १९२४); दि एलो, (१९३०); स्टोरीज (कहानियाँ, १९३०) ; कलेक्टेड स्टोरीज़ (एकत्रित कथाएँ, १९४५)। पद्य: पोयम्स (कविताएँ) जे० मिडिल्टन मरे द्वारा संपादित (१९२३); विविध: जर्नल ऑव के०एम० (के० एम० की डायरी, १९२७);श् लेटर्स ऑव के० एम० (के०एम० के पत्र, १९२८);श् नावेल्स एंड नावेल्स्ट्स (उपन्यास और उपन्यासकार, १९३०); दि स्क्रैपबुक ऑव के०एम० (के० एम० का बहीखाता, १९३९), लेटर्स ऑव के० एम० टु जॉन मिडिल्टन मरे (के० एम० के जॉन मिडिल्टन मे को पत्र, १९५१)। एस बर्कमन ने कैथेरीन मेंसफील्ड पर एक आलोचनात्मक ग्रंथ भी लिखा है। [प्रभाकर माचवे]