मेस्त्रोविच इवा इस युगोस्लाव शिल्पकार का जन्म स्लावोनिया के ब्रपोल्जे में हुआ (१८८३)। उसके पिता भेड़ चराते थे, लेकिन काष्ठ खुदाई की शिक्षा उसने पिता से ही ली। आयु के १३वें वर्ष से स्प्लिट के संगमरमर के पत्थर की खुदाई करने वाले के पास तीन वर्ष रहकर उसका ज्ञान भी प्राप्त किया। उन्होंने वियेना अकादमी में प्रवेश किया तथा शिल्पी हेल्मर के पास १९०४ तक शिक्षा देते रहे। लंदन, विएना, म्यूनिख, वेनिस और पैरिस में आयोजित आस्ट्रियन प्रदर्शनी के लिये इनकी शिल्पाकृतियाँ चुनी गई थीं। पैरिस में रोदाँ की नजर उसकी कृतियों पर पड़ी। वह पहले से ही राष्ट्रीय कला आंदोलन में विश्वास रखता था। रोम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में भाग लेने वाले शिल्पी सेसांडिक, दुजान पेनिक, चित्रकार रॉकी, वास्तुशिल्पी फ्लेफनिफ आदि साथियों के साथ वह आंदोलन का आवेगपूर्ण नेतृत्व करने लगा। इनकी शिल्पाकृतियों में धर्मकथाओं के प्रधान पात्र ही रहे। ब्रिटिश कला गेलरी में इनकी कृतियाँ हैं। [भाऊ समर्थ]