मलोत्तो दा फ़ोर्ली (१४३८-९४) १६वीं शताब्दी का प्रसिद्ध चित्रकार। प्रसिद्ध कलाकार पियरो डेला फ्रांसेस्का का सहयोगी था। टेकनीक की दृष्टि से उसके चित्र अपने समय में बड़े महत्वपूर्ण थे। आगे झुकी हुई आकृति में देखने पर शरीर का कुछ भाग प्राकृतिक रूप से कुछ बड़ा और कहीं कुछ छोटा दिखाई पड़ता है। इस प्रकार का रूप प्रदर्शित करना उस जमाने में साधारण कार्य नहीं था। इसे कला की भाषा में 'फ़ोर शार्टेनिंग' कहते हैं जो 'पर्सपेक्टिव' दृष्टि विज्ञान नामक कला सिद्धांत का एक भाग है। उसके बनाए चित्र अब अधिकतर विकृत हो चुके हैं। कुछ चित्र लोरेटो की दीवारों पर मिलते हैं। [रामचंद्र शुक्ल]