मेद्राजो, कुंत दोन फेडोरिकोद स्पेनी चितेरा ।श् जन्म रोम में १२ फरवरी को,१८१५ में हुआ। पिता मेद्राजे ने प्रांरभिक शिक्षा दी। १८५२ में पेरिस गया और वहाँ वितर लाल्तर के शिष्यत्व में बेरोन टेलर और इग्रेंस के आकृति चित्रों का निर्माण किया। पिता की मृत्यु के पश्चात् उत्तराधिकारी रुप में प्राडो चित्र दीर्घा का संचालक तथा सनफरंडो अकादमी का सभापति बना। उसकी उत्तम रचनाओं में 'नवगीत', 'सिगरेट' तथा 'संत सिसालिया' की गनणा है। इसने कला संबधी पत्रों का भी प्रकाशन किया। इसकी इहलीला माड्रिड में ११ जून,१८९४ को समाप्त हो गई।श् [गुरुदेव त्रिपाठी]