मेघनाद रावण तथा मंदोदरी का महाबली ज्येष्ठ पुत्र और सुलोचना का पति था। युद्ध में इंद्र को पराजित करने के कारण इसे इंद्रजित् नाम मिला। इसने जन्मते ही मेघ के समान गर्जना की थी जिससे यह मेघनाद कहलाया। पहले इसने अनेक यज्ञों का अनुष्ठान कर शिवजी से दिव्यशस्त्र आदि प्राप्त किए, फिर इंद्र को हराया। सीता की खोज में लंका को गए हनुमान को इसने ब्रहृाास्त्र से बाँधकर रावण की सभा में उपस्थित किया था। राम रावण युद्ध के प्रारंभ में ही इसने रामलक्ष्मण को नागपाश में बद्ध कर समस्त वानरी सेना को विमूर्छित कर दिया था और अगणित वानरों को एक ही प्रहार से नष्ट कर मायावी युद्ध में शत्रु को हतप्रभ कर दिया था। अंत में निकुंभिला में यज्ञ भंग हो जाने पर यह लक्ष्मण द्वारा ऐंद्रास्त्र से मारा गया। इस नाम से स्कंद की सेना का एक वीर और घटोत्कच पुत्र 'मेघवर्ण' भी प्रसिद्ध हैं।

(रामज्ञा द्विवेदी)