मेंग त्ज़ू (३७२-२९८ ई० पू०) या मेंग-फु-त्ज़ू या मेन्सिअस (लैटिन उच्चारण) यथार्थ नाम नहीं है, वरन् उस प्राचीन महान चीनी साधु के प्रति एक संभावित संबोधन है, जिसका वास्तविक नाम मेंग को था। मेंग उनका कुलनाम था और को उनका व्यक्तिगत नाम। उन्हें त्लू यू का शिष्ट संबोधन भी प्राप्त हुआ था । चीनी शब्द त्ज़ू का अर्थ है मास्टर या दार्शनिक। यह संस्कृत शब्द 'गुरू' या ऋषि का समानार्थी है। अतएव मेंग त्ज़ू या मेंग फु-त्जू का तात्पर्य हुआ 'गुरू मेंग' या 'दार्शनिक मेंग'।

चीन के हिरोदोटस महान् चीनी इतिहासज्ञ सु-भा चिएन (ई० पू० १४५-?) ने अपनी प्रसिद्ध रचना 'शिह् चि' या ऐतिहासिक रिकार्ड में मेंग त्ज़ू का प्रथम ऐतिहासिक विवरण दिया है। दूसरा मूल साधन १४वीं शताब्दी के चेंग फुसिंग द्वारा निर्मित 'तैथिक सारिणी' है जिसमें मेंग-त्जू की जन्मतिथि ३७१ ई० पू० एवं मृत्यु तिथि २९८ ई० पू० दी है। ये तिथियाँ साधारणतया चीनी भाषाविदों द्वारा मान्य हैं। इस प्रकार मेंग-त्जू प्लेटो के जीवन के अंतिम भाग के समकालीन थे और प्लेटो की भाँति ही ये राजनीतिक विचारक समाजशस्त्र और दार्शनिक तथा महान् संत कन्ज्यूशिएस के अनुयायी थे।

फिर कन्फ़ूशिएस के पौत्र कुंग चिं या त्जू-सु (४९२-४३१ ई० पू०) ऐसे विद्वान का शिष्यत्व भी उन्हें प्राप्त हुआ।

एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रा कर राजाओं को अच्छे दयालू एवं न्यायप्रिय शासक होने के लिये प्रभावित कर मेंगत्जू ने कन्फूशिएस की कार्यपद्धति से स्पर्धा की और भ्रमनिवृत्ति के बाद उन्होंने अपने 'दार्शनिक शिक्षक' का कार्य आरंभ किया। इनके उपदेशों को इनके शिष्यों ने मेंग त्जू नामक पुस्तक में संगृहीत किया, जिसके साथ ही लु यू (अंग्रेजी अनुवाद- दि कन्फूशिएस एनालेक्टस्) ता- सुएह (अंग्रजी अनुवाद-दि ग्रेट लर्निग) और चुंगयुग (अं० अनुवाद-दि गोल्डेन मीन) भी हैं। मेंग त्जू को 'चार पुस्तकें' की संज्ञा दी जाती है-----जो शताब्दियों तक चीनी शिक्षा के आधार ग्रंथ रहे हैं ओर अब भी हैं।

इनका युग सैकड़ों संप्रदायों का युग था। मानव हृदय की शुद्धि तथा विपरीत स्वेच्छाचारी सिद्धांतों के समाप्त करने संबंधी कन्फूशिएस की शिक्षाओं के चिरस्थायी बनाने के क्य्राा में मेंगत्जू ने तर्क से काम लिया। उन्होंने कन्फूशिएस की वांग ताओं (शाही तरीका या राज विधि) जेन (दयालुता या मानवीय उदारता) तथा यी (पवित्रता) संबंधी शिक्षाओं को बड़े विश्वास के साथ स्थापित किया। उन्होंने लड़ाकू राजाओं की आलोचना और उन 'साधु राजाओं' की ओर से वकालत की जिनकी सरकारें जेन येंग (मानवीय नियम) से चलाई जाती हैं।

स० ग्रं०-----सु-मा चिएन (१४५ ई० पू०)----शिह चि: मेंग स्हुन लिएह् चुआन (हिस्टॉरिकल रिकार्ड्स बाइग्राफीज़ ऑव मेंग त्जू ऐंड स्हुन त्जू; चाओ चि (१०८-२०१ ई०)-----मेंग त्जू ति त्जू: प्रीफस टु मेंग त्जू; चिअराओ स्हुन (१७६३-१८२० ई०) में त्जू चें बि (दि करेक्टेड इंटरप्रिटेशन ऑव मेंगत्जू । ४. जेम्स लेगी; दि चाइनीज क्लैसिक्स् ाश् - दि वर्क ऑव मेंसिअस

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