मूसा मूसा की ऐतिहासिकता के विषय में किसी भी संदेह का स्थान नहीं है किंतु उनके संबंध में जो परवर्ती दंत कथाएँ प्रचलित हैं उनमें से ऐतिहासिक तथ्य निकालना दुष्कर हे। उनका जन्म लगभग १३५० ई० पू० में मिस्त्र देश में हुआ था। उनके माता पिता इसराएली थे। फराऊन ने सभी इसाएली नवजात बच्चों को मार डालने का आदेश दिया था, मूसा फराऊन की पुत्री के हस्तक्षेप से ही बच सके। प्राचीन मिस्त्री भाषा में उनके नाम का अर्थ है पुत्र।
वयस्क होकर मूसा ने एक इसराएली जाति भाई की रक्षा करने के लिये एक मिस्त्री की हत्या कर डाली और स्वयं भागकर मरूभूमि में छिप गए, जहाँ उन्होंने एक मैडिअनाइअ स्त्री से विवाह किया। बाद में ईश्वर ने उनको यहूदी जाति का नेता ठहराकर उस जाति को मिस्त्र की दासता से मुक्त करने का आदेश दिया। अत: रामसेस द्वितीय के राज्यकाल में मूसा मिस्त्र लौटकर फराऊन के सामने उपस्थित हुआ और ईश्वर के नाम से निवेदन किया कि इसराएली जाति को मिस्त्र से निकल जाने की आज्ञा दें। फराऊन ने अस्वीकार कर दिया किंतु ईश्वर के विधान से मिस्त्र देश में उत्पन्न दस महाविपत्तियों की सहायता से मूसा अपनी जाति को मिस्त्र की दासता से मुक्त कराने में समर्थ हो सके। वह उनको मरूभूमि होकर सिनाई पर्वत के पास ले गए जहाँ उन्होंने उनको दस नियम तथा एक 'विधि' संग्रह प्रदान किया (दे० निष्क्रमण)। बाद में वह यहूदियों को 'प्रतिज्ञात देश' कानान के सीमा प्रांत तक ले जाकर मर गए। यात्रा के समय ईश्वर पर पूरा भरोसा न रखने के कारण वह उस देश में प्रवेश न कर सके।
जहाँ तक मूसा को पेंतातुख का रचयिता मानने का प्रश्न है, इस पर अलग विचार किया गया है (दे० पेंतातुख)। बाइबिल के पूर्वार्ध में मूसा को ईश्वर का दास, नबी, पुरोहित, आदि कहा गया है। यहूदियों की दृष्टि में वह इसराएल के महागुरू, ईश्वर द्वारा प्रदत्त मुक्ति के इतिहास के प्रधान नायक तथा प्रतिज्ञात मसीह के प्रतीक हैं। बाइबिल के (उत्तरार्ध) अनुसार वे संहिता के रचयिता और मसीह के आगमन की घोषणा करने वाले नबी हैं, जिस तरह सुसमाचार (गॉस्पेल) मूसा संहिता से बढ़कर है उसी तरह ईसा मूसा से कहीं अधिक श्रेष्ठ माने जाते हैं।
सं० ग्रं०----- एनसाइक्लोपीडिक डिक्शनरी ऑव दि बाइबिल, न्यूयार्क १९६३। [(फ़ादर) आस्कर वेरेक्रुइसे]