मुहम्मद अमीन राजी ख्वाजा मिर्ज़ा अहमद का पुत्र जो ईरान के शाह तहमास्प का बड़ा विश्वासपात्र था, वह एतमादुद्दौला राजी का चचेरा भाई था। उसने अकबर के दरबार में रहकर 'हफ़्त इक़लीम' की रचना १५९३-९४ ई० में समाप्त की। इसमें १५६० कवियों, संतों एवं विद्वानों की जीवनियाँ उनके निवासस्थान के अनुसार ७ भागों (इक़लीम अथवा जलवायु के प्रदेश) में विभाजित करके दी गई हैं।
सं० ग्र०- राजो : हफ़्त इक़लीम (तेहरान, फारसी)।
[सैयद अतहर अब्बास रिजवी]