मुचकु द इक्ष्वाकु नरेश मांधाता के पुत्र थे। इन्होंने अपने बाहुबल की परीक्षा के लिए अलकापति कुबेर पर आक्रमण किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार दैत्यों से बहुत समय तक इन्होंने देवताओं की रक्षा की थी। निवृत्त होने पर इन्होंने निद्रा का तथा जगानेवाले व्यक्ति को भस्म होने का वरदान माँगा था। श्रीकृष्ण का पीछा करते समय कालयवन इन्हें जगाकर भस्म हो गया था। [चंद्रभान पांडेय]