मिल, जेम्स (१७७३-१८३६) अंग्रेज इतिहासकार, राजनीतिज्ञ, दार्शनिक एवं मनोवैज्ञानिक। उन्होंने व्यापार, शिक्षा, प्रेस-स्वतंत्रता, तथा कारागार अनुशासन पर बहुत लेख लिखे। पंरंतु उनकी प्रमुख रचनाएँ तीन पुस्तकें थीं जिनके विषय थे भारत का इतिहास, राजनीतिक अर्थशास्त्र के तत्व, और मन का विश्लेषण। इतिहास ग्रंथ में उन्होंने अंग्रेजों द्वारा भारत पर विजय एवं शासन केश् संचालकों के व्यवहार की कड़ी आलोचना की। परिणामस्वरूप यह इंग्लैंड के इंडिया हाउस के अधिकारी और फिर संचालक नियुक्त कर दिए गए।
उन्होंने इंग्लैंड की राजनीति के दार्शनिक परिवर्तनवाद [philosophical redicalism] की स्थापना की और मताधिकार के विस्तृत विस्तार द्वारा सुराज्य की सुरक्षा का पक्ष लिया। उन्होंने प्रसिद्ध दार्शनिक बेंथम के सिद्धांतों का समर्थन करते हुए उनके मनोवैज्ञानिक पक्ष का विकास किया और साहचर्यवाद को मानसिक यांत्रिकी का रूप देकर सर्वोत्कर्ष पर पहुँचा दिया। उन्होंने सभी मानसिक घटनाओं को साहचर्य से और समस्त साहचर्य को अव्यवधान अर्थात एक साथ घटित होने से उत्पन्न प्रतिपादित किया।
सं० ग्रं० जेम्स मिल: हिस्ट्री ऑव इंडिया; एलीमेंट्स आफ पोलिटिकल एकोनॉमी; एनलिसिस ऑफ द फेनामेला आफ ्ह्रू मन माइंड; एलेग्जैंडर बेल: जेम्स मिल; जी० एस० बोवर: हार्टले ऐंड जेम्स मिल।(राममूर्ति लूंबा)