मिर्जापुर १ ़ जिला, भारत में उत्तर प्रदेश राज्य का एक दक्षिण-पूर्वी जिला है जिसके उत्तर में वाराणसी, पश्चिम में इलाहाबाद जिले, दक्षिण-पश्चिम में मध्य प्रदेश एवं पूर्व में बिहार राज्य के जिले स्थित हैं। इसका क्षेत्रफल ४, ३६९ वर्ग मील है। इस जिले में कैमूर एवं विंध्य पर्वतश्रेणियाँ पूर्व से पश्चिम को फैलीं है। मध्य का पठार गंगा नदी को सोन नदी से अलग करता है। विंध्य का उत्तरी भाग कृषि योग्य है, किंतु शेष भाग विरल बस्तीवाला, खड्ड युक्त एवं जंगली है। सर्दियाँ शुष्क तथा ठंडी एवं गरमियाँ अधिक गरम रहती हैं। गरमियों में ३० से ५० इंच तक वर्षा होती है। उत्तरी भाग में गंगा तथा दक्षिणी भाग में रिहंद, सोन आदि नदियाँ बहती हैं। दक्षिणी सीमा के पास रिहंद नदी पर एक प्रसिद्ध बाँध बनाया गया है, जहाँ बिजली का उत्पादन होता है। कृषि में धान, गेहूँ, जौ, गन्ना, बाजरा, मक्का, ज्वार आदि उगाए जाते हैं। जिले में पत्थर, ताँबा एवं पीतल के र्बतन, ऊनी गलीचे, खिलौने, मूर्तियाँ आदि बनाने का काम होता है। चुर्क में सीमेंट का एक कारखाना है। चुनार अपने दुर्ग तथा प्राकृतिक दृश्यों के लिये प्रसिद्ध है ( देखें चुनार )। रेणुकूट में ऐल्यूमिनियम का प्रसिद्ध कारखाना है।श्

२ ़ नगर, स्थिति: २५° १०¢ उ० अ० तथा ८२° ३७¢ पू० दे०। मिर्जापुर जिले में गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर बनारस से ३० मील दक्षिण-पश्चिम स्थित है। गंगा के कई घाट पक्के बने हैं जिसमें पक्का घाट प्रसिद्ध है। घाटों पर कई मंदिर तथा नारायण घाट पर एक गुरूद्वारा बना है। यहाँ पीतल के बरतन, दरियाँ एवं गलीचे बनाने का कार्य होता है। इसकी जनसंख्या विंध्याचल सहित १,००,०९७ (१९६१ ) है। (रमेश चंद्र दुबे)