मिनो दी फिएसोल (१४३१-१४८४) इस इतालीय शिल्पकार का जन्म कोंस्तेंतिनो में पाँपी में हुआ। लेकिन इसकी जायदाद फिएसोले में थी। विशप सालुत्तती चर्च में सफेद संगमरमर पत्थरों से बनाई धर्मपुरुषों की सात फुट ऊँचाई की मूर्तियाँ अब भी है। देसदारियों दी सेत्तिग्नागो आदि शिल्पकार एक ही उम्र के थे, उसने आंतोनी रोसेलिनों के साथ फलोरेंस के बारगेलों में कुछ शिल्प चित्र और मूर्तिशिल्पों का काम किया। बर्लिन म्यूजियम में और पेरिस के व्यक्तिगत संग्राहकों के पास इनकी बनाई भावपूर्ण मूर्तियाँ है। मिनो की कृतियों की कारीगरी सफाईदार है और कोमल प्रभावों को व्यक्त करती है। [भाऊ समर्थ]