मासूम अली शाह मीर दक्षिण भारत के एक सफी संत, करीम खाँ जंद (मृ० १७७९) के राज्यकाल में शीराज पहुँचे। शीघ्र ही उनके अनुयायियों की संख्या ३० हजार तक पहुँच गई। किंतु समकालीन आलिमों ने उन्हें शीराज से निकलवा दिया और वे इस्फहान के एक छोटे से गाँव में निवास करने लगे। करीम खाँ के मरने पर उन्होंने उदार सूफी सिद्धांतों का प्रचार इस्फहान में प्रारंभ कर दिया। आलिमों के कड़े विराध के कारण उनके मत का कठोरतापूर्वक दमन करा दिया गया। उनकी मृत्यु १८०० ई० के आसपास हुई।

सं० ग्रं०-बील, टी० ओरियंटल बायग्राफिकल डिक्शनरी।

[सैयद अतहर अब्बास रिजवी]