मार्कोनी, गूल्येलमो (Morconi, Guglielmo) का जन्म इटली के बोलीन नगर में २५ अप्रैल १८७४ ईर्o को हुआ था। आपकी शिक्षा दीक्षा घर पर ही निजी तौर पर हुई थी।श् विद्यार्थी जीवन में ही आपने इस बात को भाँप लिया था कि हेर्ट्स (Hertz) द्वारा उत्पन्न की गई विद्युच्चुंबकीय (electromagnetic) तंरगो की मदद से दूर तक संदेश भेजा जा सकता है। फिर तो मृत्यु पर्यंत आप इसी क्षेत्र में निरंतर अनुसंधान करते रहे। रेडियो टेलिग्राफी को व्यावहारिक रूप देने का श्रेय मार्कोनी को ही प्राप्त है। सन् १८९५ में मार्कोनी ने अपने घर के बगीचे में ही रेडियो टेलिग्राफी के प्रारंभिक प्रयोगो का सूत्रपात किया। शीघ्र ही बिना किसी तार आदि का सहारा लिए ही आप एक मील की दूरी तक रेडियो संकेत भेजने में सफल हुए। अगले वर्ष आप इंग्लैंड गये और वहाँ आपने रेडियो टेलिग्राफी का सर्वप्रथम पेटेंट प्राप्त किया। यहाँ एक प्रदर्शन में आपने ९ मील की दूरी पर रेडियो संकेत भेजा। सन् १८९९ मे आपने इंग्लिश चैनल के आर-पार ८५ मील के फासले पर रेडियो संकेत भेजा। आप रेडियो ट्रास्मिटर और ग्राहक यत््रांश् में सुधार कर १२ दिसंबर,१९०१ को ऐटलांटिक महासागर के आर-पार १,८०० मील की दूरी पर रेडियो संकेत भेजने में सफल हुए। आपकी खोजों के फलस्वरूप ही रेडियो यंत्र इतने जनापयोगी बन सके। इन आविष्कारों के उपलक्ष में आपको १९०९ में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। इंग्लैंड के बादशाह तथा रूस के ज़ार ने भी मार्कोनी को विशेष सम्मान प्रदान किए। मर्कोनी की मृत्यु १९३७ ईo में हुई।
[अंबिका प्रसाद सक्सेना]