माद्री श्'धृति' के अंश उत्पन्न पांडु की दूसरी रूपवती पत्नी जो मद्रदेश के राजा ऋतायन की पुत्री और शल्य की बहन थी। इन्हें नकुल तथा सहदेव नामक दो जुड़वाँ पुत्र दुर्वासा के आर्कषण मंत्र के प्रभाव से हुए थे, यद्यपि यह कहा जाता है कि इनके वास्तविक पुत्र अश्विन थे। सहवास के समय, पूर्वशाप के कारण, पांडु के मरने पर माद्री उनके साथ सती हो गई थीं।
[रामज्ञा द्विवेदी]