माकार्ट हांस (१८४०-१८८४) १९वीं शताब्दी के इस सर्वश्रेष्ठ चित्रकार का जन्म साल्जबर्ग में हुआ था। जब इसने वियना कला अकादमी में प्रवेश किया, जर्मन कला का बौद्धिक स्तर ऊँचा था, फिर भी वहाँ अकादमी कला का ही प्रचलन था। रंगों की तीव्र भावासक्ति के कारण माकार्ट वियना छोड़कर म्यूनिख में दो साल रहा। कला पथदर्शक पाइलॉटी का ध्यान भी उसके चित्रों की ओर गया। अपनी कृतियों में आलंकारिक शैली को उसने अपनाया। वियना के राजा ने उसका 'रोमिओ जूलिएट' शीर्षक चित्र खरीदकर उसे वियना आने के लिये निमंत्रित किया। फिर तो वियना के कलाजगत् में वह अग्रणी माना जाने लगा। उसके विशाल चित्रों के रंग आह्लाददायी थे और रंगों की चमक में एक मोहक शक्ति थी। किंतु सस्ते रंगों का उपयोग करने से उसकी कृतियाँ नष्ट हो गई है, वियेना, वर्लिन, हंबर्ग और स्टटगार्ट की आर्ट गेलरियों में उसकी कृतियाँ सुरक्षित हैं। उसके कई प्रसिद्ध चित्रों में 'क्लिओपेटा का अंत' भी एक है।श्
[भाऊ समर्थ]