मांतेस्पाँ फ्रांस्वा-अथेनी दि पार्देल्लाँ (१६४१-१७०७ ईo) मांतमार्त्र के ड्यूक की पुत्री थी। १६६१ में वह महारानी (फ्रांस) की राजपरिचारिका या 'मेड वेटिंग' बनाई गई। १६६३ में मारक्विस द मांतेस्पाँ से उसका विवाहश् हुआ जिससे उसके दो संतानें हुईं। थोड़े समय बाद ही पति से उसका संबंधविच्छेद हो गया और उसके अनुपम सौंदर्य से आकृष्ट होकर १६६७ में सम्राट् लुई चौदहवें ने उसको अपनी प्रेयसी बना लिया और उससे उत्पन्न अपनी संतानों को १६७३ में औरस घोषित कर दिया। राजा से उत्पन्न इन बच्चों की शिक्षा के सुचारु संचालन के लिये मदाम मांतेस्पाँ ने मदाम मेंतेनाँ को शिक्षिका नियुक्त किया। कालांतर में मदाम मेंतेनाँ को शिक्षिका नियुक्त किया। कालांतर में मादाम मेतना के सौंदर्य और आर्कषक व्यक्तित्व से आकृष्ट होकर सम्राट् का रुझान उधर हो गया और १६८० के लगभग मदाम मांतेस्पाँ का स्थान ग्रहण कर वही राजप्रेयसी हो गई। जीवन की इन विषमताओं से दुखी होकर मांतेस्पाँ ने अपने को धर्म में लीन कर दिया।

[स० च०]