महिषासुर रंभासुर का पुत्र एक प्रसिद्ध देवीभक्त असुर जो शंकर के अंश से उत्पन्न हुआ था। ब्रह्मा को अपने तप से प्रसन्न कर इसने मनुष्य से अजेय होने का वर प्राप्त कर लिया और दंभपूर्वक तीनों लोकों के निवासियों को सताने लगा। इसपर अष्टादश भुजाओंवाली देवी ने इसका वध कर सभी को त्रासमुक्त किया (देo भाo, ५।१६)। स्कंदपुराण (१।३; १०।११) के अनुसार तपस्यारत पार्वती के समक्ष पहुँचकर इसने महादेव के स्थान पर अपने को प्ातिरूप में वरण करने की बात चलाई। फलत: दोनों में घोर युद्ध हुआ और अंत में पार्वती के हाथों इसका संहार हुआ। महाभारत (वनo, २२१।६६) के अनुसार कार्तिकेय ने इसका वध किया था। [ श्याम तिवारी ]