मसऊदी (अबुल हसन अली इब्न हुसेन इब्न अली उल मसऊदी) अरब भूगोलवेत्ता तथा इतिहासज्ञ थे। इनका जन्म ९वीं सदी के अंत में बगदाद (इराक) में और देहांत ९५६ ईo के लगभग फोस्टाट में हुआ था। मसऊदी विद्वान् उदार विचार के तथा इस्लाम के कट्टरपंथी विचारों से मुक्त थे। विभिन्न देशों तथा निवासियों के इतिहास, भाषा, धर्म, रहन सहन, रस्म रिवाज़ आदि का विशद और प्रत्यक्ष अध्ययन करने के विचार से ये विदेशयात्रा को निकल पड़े तथा इन्होंने सर्वप्रथम ईरान तथा फरमान का भ्रमण किया। ९१५ ईo में ये हस्तरब्र और ९१६ ईo में मँसुरा पहुँचे। वहाँ से कांबे होकर सैमूर की यात्रा की और फिर श्रीलंका गए। तत्पश्चात् मैडागैसकर होकर ओमान की ओर लौट गए। कुद कालोपरांत इन्होंने उत्तर की ओर कैसि के तटीय भागों की यात्रा की तथा फिलिस्तीन (आधुनिक ) में कुछ समय रहकर यहूदी धर्म का अध्ययन किया। ९२३ ईo में ये ऐंटिओक तथा ९४५ में दमिश्क पहुँचे। अपने जीवन के अंतिम दस वर्ष इन्होंने मिस्र तथा सीरिया में व्यतीत कर शांतिपूर्ण अध्ययन किया। जीवन भर भ्रमण के कारण इन्हें पूर्व तथा पश्चिम के विभिन्न देशों के इतिहास तथा धर्मों का प्रचुर ज्ञान हो गया था। [काशीनाथ सिंह]

इतिहास तथा भूगोल संबंधी ग्रंथ -- मसऊद ने अनेक ग्रंथ लिखे जिनमें प्राय: सभी नष्ट हो चुके हैं। ३३२ हिo (९४३ ईo) में उन्होंने संसार के भूगोल तथा इतिहास से संबंधित अख्बारुज़्ज़मान नामक जिस बृहत् ग्रंथ की रचना प्रारंभ की उसकी ३० जिल्दों में से केवल एक जिल्द वियना मे वर्तमान है। इसके कुछ अंश मसऊदी ने कितावुल औसत नामक ग्रंथ में सम्मिलित कर दिए जिसका एक भाग आक्सफोर्ड में है। इन दोनों ग्रंथों का सारांश मसऊद ने मुरुजुज्ज़हब और मादनुल जवाहर नामक ग्रंथों में प्रस्तुत किया जो प्राप्त हैं। इसकी रचना ९४७ ईo में समाप्त हुई थी किंतु ९५४ ईo में मसऊद ने इसका पुन: संशोधन किया। अपने जीवन के अंतिम समय में मसऊद ने किताबु-अल्-तंबीह वल् इश्राफ़ नामक ग्रंथ की रचना की थी जिसमें अपना जीवनवृत्तांत तथा अपने साहित्यिक कार्यों का विस्तृत विवरण दिया था।

मसऊदी का देशविदेश का अध्ययन गहन न था। भारतवर्ष के धर्मो के विषय में अलबरुनी ने जो कुछ लिखा है उसके सामने मसऊदी का विवरण बड़ा साधारण जान पड़ता है किंतु यहाँ के भूगोल एवं सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति के विषय में जो कुछ मसऊदी ने लिखा वह अधिक महत्वपूर्ण है।

संo ग्रंo -- इब्न-अल्-नदीम : किताब-अल्-फिहरिस्त; सुबकी : तबक़ात-अल्-शाफिया; मसऊदी : किताब-अल्-तंबीह वल इश्रफ्ऱा; निकोलसन : ए लिटरेरी हिस्ट्री ऑव दि अरब्स, मसऊदी कमेमोरेशन वाल्यूम (लाइडेन)। [सैयद अतहर अब्बास रिजवी]