मल्हारराव होल्कर इंदौर राजवंश के संस्थापक मल्हारराव होल्कर ने बाजीराव के नेतृत्व में अनेक युद्धों में भाग लिया था। बालाजी बाजीराव के शासनारंभ में उसने धार पर कब्जा किया (१७४१) जिससे संपूर्ण मालवा पर अधिकार संभव हो सका। जयपुर की उत्तराधिकार की समस्या में हस्तक्षेप करने के कारण मल्हारराव और जयप्पा सिंधिया में वैमनस्य की बीजारोपण हुआ, जिससे महाराष्ट्र ने भविष्य में राजपूतों का सहयोग तो खोया ही, साथ में होल्कर तथा सिंधिया राजवंशों में परंपरागत शत्रुता बँध गई। मल्हारराव ने जाट राजा सूरजमल से भी अनावश्यक शत्रुता मोल ली। इस युद्ध में उनके पुत्र खंडेराव की मृत्यु हुई। मल्हारराव का रोहिल्ला नायक नजीब खाँ का पक्ष ग्रहण करना भी महाराष्ट्र के लिये हानिकारक सिद्ध हुआ। अहमदशाह अब्दाली के विरुद्ध दत्ताजी सिंधिया को सामयिक सहायता न प्रदान करने के कारण वह सिंधिया की पराजय और मृत्यु का अपरोक्ष कारण बना। २० मई, १७६६ को उसकी मृत्यु हुई।

संo ग्रंo -- गोविंद सखाराम सरदेसाई : दि न्यू हिस्ट्री ऑव दि मराठाज़ [राजेंद्र नागर]