मल्लिनाथ संस्कृत के सुप्रसिद्ध टीकाकार। इनका पूरा नाम कोलाचल मल्लिनाथ था। पेड्ड भट्ट भी इन्हीं का नाम था। ये संभावत: दक्षिण के निवासी थे। इनका समय प्राय: १४वीं या १५वीं शती माना जाता है। ये काव्य, अलंकार, व्याकरण, स्मृति, दर्शन, ज्योतिष आदि के विद्वान् थे। व्याकरण, व्युत्पत्ति एवं अर्थ-विवेचन आदि की दृष्टि से इनकी टीकाएँ विशेष प्रशंसनीय हैं। टीकाकार के रूप में इनका सिद्धांत था कि 'मैं ऐसी कोई बात न लिखूँगा जो निराधार हो अथवा अनावश्यक हो।' इन्होंने रघुवंश, मेघदूत, कुमारसंभव, शिशुपालवध, किरातार्जुनीय, नैषधचरित, अमरकोष आदि ग्रंथों की टीकाएँ लिखीं जिनमें उक्त सिद्धांत का भली भाँति पालन किया गया है।