मलैका (Malacca) १. नगर, स्थिति : १०२° १५' पूo देo। यह मलाया प्रायद्वीप के पश्चिमी समुद्रतट पर ६४० वर्ग मील में फैले हुए मलैका प्रदेश की राजधानी तथा बंदरगाह है। यह एक अति प्राचीन यूरोपीय बस्ती है। कहा जाता है, मलाया के राजा ने सन् १४०३ में इस नगर की स्थापना की थी। द्वितीय विश्वमहायुद्ध के समय यह जापानियों के अधीन रहा एवं १९५१ ईo में स्वतंत्र हुआ और मलाया गणतंत्र का एक सदस्य हो गया। प्राचीन काल से ही भारत तथा चीन से इसका व्यापारिक संबंध है पर इसकी अत्यधिक वृद्धि अंग्रेजों के आने के बाद ही हुई। नवीन मलैका में अब भी पुर्तगाली और हॉलैंड वासियों के प्राचीन भवनों के ध्वंसावशेष मिलते हैं। यह पूर्वी एशिया का सबसे महत्वूपर्ण तथा बड़ा औद्योगिक केंद्र है। इसके पृष्ठप्रदेश में भूमध्यरेखीय सघन सदाबहार वन पाए जाते हैं। तटीय भागों में पश्चिम की ओर मैंग्रोव जाति के वृक्ष अधिक पाए जाते हैं। यहाँ का मुख्य उद्यम कृषि है। यहाँ के निवासी, रबर, धान, नारियल, अनन्नास तथा गरम मसालों की खेती करते हैं। इस बंदरगाह से रबर, नारियल, चावल तथा गरम मसालों का निर्यात होता है।

२. जलडमरूमध्य, सुमात्रा तथा मलाया प्रायद्वीप को एक दूसरे से अलग करनेवाला एक जलडमरूमध्य है जो दक्षिणी चीन सागर तथा हिंद महासागर को आपस में मिलाता है। इस जलसंधि की लंबाई ५०० मील तथा चौड़ाई २५ मील से १०० मील तक है। इसके दक्षिण-पूर्वी छोर पर स्थित एक छोटे द्वीप पर सिंगापुर स्थित है। इस जलसंधि के द्वारा संसार का सबसे अधिक माल आता जाता है। [विजयराम सिंह]