मथाई, डॉo जॉन का जन्म त्रिवेंद्रम नगर में १० जनवरी, १८८६ ईo को एक धनी कुटुंब में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा त्रिवेंद्रम में ही हुई। इसके उपरांत उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कालेज में शिक्षा प्राप्त की। बीo एo तथा बीo एलo की डिग्रियाँ प्राप्त कर वे लंदन गए और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से बीo लिट्o की डिग्री प्राप्त की। फिर उन्होंने डीo एस-सीo की डिग्री लंदन विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
१९१० ईo से १९१८ ईo तक वे मद्रास हाईकोर्ट के वकील रहे। १९२० ईo से १९२५ ईo तक मद्रास के प्रेजीडेंसी कालेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे। १९२२ ईo से १९२५ ईo तक वे मद्रास लेजिस्लेटिव कौंसिल के तथा १९२५ से १९३१ तक इंडियन टैरिफ बोर्ड के सदस्य रहे। १९३५ में वे कामर्शियल इंटेलिजेंस तथा स्टैटिस्टिक्स के महा निदेशक नियुक्त हुए। १० जनवरी, १९४० ईंo को उन्हें अवकाश प्राप्त हुआ।
१९४४ ईo से १९४६ ईo तक टाटा संस लिमिटेड के निदेशक रहने के बाद केंद्र में परिवहन मंत्री बने। इसके बाद १९५० तक उन्होंने वित्त मंत्री का कार्यभार सम्हाला और फिर यहाँ से त्यागपत्र देकर वे पुन: टाटा संस लिमिटेड के निदेशक नियुक्त हुए। जुलाई, १९५५ ईo से सितंबर, १९५६ ईo तक वे स्टेट बैंक ऑव इंडिया के बोर्ड ऑव डाइरेक्टर्स के अध्यक्ष रहे। इसी बीच वे बंबई विश्वविद्यालय के उपकुलपति नियुक्त हुए और फिर १९५८ से १९५९ तक केरल विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे। १९५९ ईo में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण की उपाधि से विभूषित किया। उनकी मृत्यु १९५९ ईo में हुई।
डाक्टर जॉन मथाई ने ये पुस्तकें लिखी हैं : (१) विलेज गवर्नमेंट इन ब्रिटिश इंडिया (२) ऐग्रीकलचरल कोआपरेशन इन इंडिया, (३) एक्साइज ऐंड लिकर कंट्रोल। [ मिल्टन चरण ]