मंडला १. जिला, भारत के मध्य प्रदेश राज्य में सतपुड़ा पहाड़ियों में स्थित एक जिला है जिसका क्षेत्रफल ५,१२७ वर्ग मील तिथा जनसंख्या ६,८४,५०३ (१९६१) है। नर्मदा नदी उत्तर-पश्चिम बहती हुई इस जिले को रीवा से अलग करती है। नर्मदा की सहायक बंजार नदी की घाटी में जिले का सबसे अधिक उपजाऊ भाग पड़ता है, जिसे हवेली कहते हैं। हवेली के दक्षिण बंजार की घाटी जंगलों से ढकी हुई हैं । सर्वप्रमुख इमारती पेड़ साल हैं। बाँस, टीक और हरड़ अन्य उल्लेखनीय वृक्ष हैं । नदियों की घाटियों में धान, गेँहू और तिलहन की उपज होती है। जंगल में चीता के आखेट के लिये यह एक प्रसिद्ध जिला हैं । लाख उत्पादन, लकड़ी चीरना, पान उगाना, पशु पालन, चटाई और रस्सियों का निर्माण यहाँ के लोगों के उद्यम हैं । यहाँ के ६० प्रति शत निवासी गौंड जनजाति के हें । यहाँ मैगनीज और धातु के निक्षेप हैं ।
२.नगर, स्थिति : २२° ३६¢ उ० अ० तथा ८० ° २३¢ पु० दे० । नमंदा नदी के किनारे जबल पुर के ४५ मील दक्षिण-पूर्व में मंडला जिले का प्रशासनिक केन्द्र है, जो तीन ओर से नमंदा द्वारा घिरा हुआ हैं । (bell, फुल ) धातु के पात्रों के लिये विख्यात है। इस नगर का अधिकांश १९२६ ई० की बाढ़ में डूब गया था। यह गोंड़ वंश की राजधानी रह चुका है। यहाँ किले और प्रासाद के अवशेष हैं। इसकी जनसंख्या १९,४१६ (१९६१) है। श् [राजेंद्रप्रसाद सिंह]