मंगतराम जोशी मंगल (१९१०-१९४४) जन्म सैंधार, बहु खंड गढवाल। उन्होंने हिंदी में काव्यरचना की। इनकी विविध कविताओं का संग्रह पोप पर तोप और मधु उनके जीवन काल में और जंगल उनकी मृत्यु के बाद प्रकाशित हुआ है। उनकी कविताएँ बहुत समय तक कर्मभूमि, चंँाद, माधुरी, विशाल भारत ओर सरस्वती में प्रकाशित होती रहीं। [गोविंद चातक]