भोज १. एक यादव कुल तथा नरेश, जिन्होंने स्वप्न देखा था कि उन्होंने अपने शत्रुओं का उच्छिष्ठ खाया है तथा उनके शत्रुओं ने उन्हें राज्य तथा स्त्रियों से वंचित कर दिया है। उन्होंने इससे अत्यंत प्रभावित होकर गृहत्याग किया ओर उसी दिन से परमात्मा के ध्यान में मग्न होकर अतं में ब्रह्मनिर्वाण प्राप्त किया (भाग पु० १०-३६.३३; वही ११.३०.१६)

१.����� मालवा का परमार वंशी राजा, दे० 'परमार भोज' तथा 'भोज प्रबंध'।

वैदिक उपाधि विशेष (ऐ० ब्रा०, ८।९२) जो दाता के अर्थ में प्रयुक्त है (ऋ० १०।१०७-९)। इसी प्रकार यह एक राजा के वंशजों का सामूहिक नाम है (ब्रह्म०१५।४५)। अनेक पौराणिक व्यक्तियों का भोज नाम से उल्लेख है।(चंद्रभान पांडेय)