भूरिश्रवा कुरुवंशी सोमदत्त के पुत्र थे। (महा० आ० १७७.१४) द्रोपदी के स्वयंवर के अवसर पर इन्होंने पांडवों के पराक्रम का वर्णन कर दुर्योधन को उनसे युद्ध न कर संधि कर लेने की राय दी थी। महाभारत के युद्ध में इन्होंने एक अक्षौहिणी सेना के साथ दुर्योधन की सहायता की थी (वहीं, उ०, १९'१२) सात्यकि, धृष्टकेतु, भीमसेन, शिखंडी आदि महारथियों से युद्ध कर अंत में सात्यकि द्वारा मार डाले गए। मेरुसावर्णि मनु के एक पुत्र, मध्यमाध्वर्युओं में एक आचार्य ओर एक ऋषि का भी यही नाम था।(चंद्रभान पांडेय)