भीम श्इस नाम से अनेक पौराणिक व्यक्तियों का उल्लेख मिलता है। इनमें नल तथा दमयंती के पिता भीम वैदर्भ और भीमसेन पांडव सबसे प्रसिद्ध हैं। ये दूसरे ही वृकोदर भीम हैं जो वायु द्वारा कुंती के गर्भ से उत्पन्न हुए थे और महान् पराक्रमी योद्धा तथा शारीरिक शक्ति के प्रतीक थे।

बाल्यकाल में पांडवों के अगुआ रूप में इन्होंने कौरवों को अनेक बार प्रताड़ित किया था जिससे दुर्योधन इनसे डाह करते थे। बनवास के समय दुर्योधन ने पुरोचन द्वारा पांडवों के घर में आग लगानी चाही तो इन्होंने पुरोचन को ही जीवित जला दिया। इसी प्रकार हिडिंब राक्षस को मारकर उसकी बहिन हिडिंबा से ब्याह और जरासंध, कीचक, दु:शासन, दुर्योधन आदि का वध किया। वायुपुत्र होने के कारण इन्हें हनुमान का भाई माना जाता है। पांडवों के द्वितीय बनवास अथवा अज्ञातवास में भीम विराट के यहाँ भोजन बनाने का काम करते थे। इनकी दूसरी पत्नी बलधरा काशी की राज कुमारी थीं जिनसे सर्वग अथवा सर्वत्रम नामक एक पुत्र था।

[रामज्ञा द्विवेदी]