भागलपुर १. जिला स्थिति: २४° ३३¢ से २६° ३४¢ उ. अ. तथा ८६° १९¢ से ८७° ३१¢ पू. दे। यह भारत के बिहार राज्य में एक जिला है। इसके उत्तर में पुरनिया और सहरसा, पूर्व एवं दक्षिण में संताल परगना तथा पश्चिम में मुंगेर जिले पड़ते है। यहाँ का क्षेत्रफल २,१८३ वर्ग मील तथा जनसंख्या १७,११,१३६ (१९६१) है। गंगा नदी के द्वारा यह दो भागों में बँट गया है। उत्तर का आधा तिरहुतवाला मैदान जलोढ़ मिट्टी का बना है, जिसमें कई छोटी छोटी नदियाँ बहती हैं। गंगा नदी के दक्षिण का भाग नीचा है किंतु लगभग २० मील के बाद भूमि की ऊँचाई बढ़ते बढ़ते छोटा नागपुर के पठार का रूप ले लेती है। गंगा के अलावा तिलगूजा, कोसी, घुसान, तथा धुग्री आदि छोटी छोटी नदियाँ बहती हैं। जलवायु उत्तम तथा स्वास्थ्यप्रद है। दक्षिण में गरमी अधिक पड़ती है तथा उत्तर में ठंड रहती है। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा ५१ इंच है। वर्षा उत्तर की ओर अधिक बढ़ती जाती है। उत्तम मिट्टीके कारण ऊँचे स्थानों पर धान, गेहूँ, जौ, जई, ईख, कपास, जूट, मक्का, मड़ुआ, ज्वार, तिलहन, तिल आदि भी अच्छे उगते हैं। यहाँ की प्रमुख फसल धान है। यातायात के साधनों का यहाँ अच्छा विकास हुआ है। शिक्षा में भी काफी प्रगति हुई है।

२. नगर, स्थिति : २५° १५¢ उ. अ. तथा ८७° ¢ पू. दे.। यह भागलपुर जिले में गंगा के दाहिने किनारे पर, रेल द्वारा कलकत्ता से २६५ मील दूर स्थित एक नगर है। यह यातायात के साधनों, कृषि तथा व्यापार में उन्नति के कारण काफी प्रगति करता जा रहा है। यहाँ एक सरकार द्वारा और दूसरा जमींदारों द्वारा स्थापित ऑगस्टॉस क्लीवलैंड के दो स्मारक हैं जो १८वीं शती के अंत में कलक्टर थे। इन्होंने संताल परगने के आदिवासियों को नियंत्रण में लाने में सफलता प्राप्त की थी। भागलपुर के निकट ही सबोर में एक कृषि विभाग रहता था। यहाँ एक पुराना बरेली तेजनारायण कॉलेज है जिसकी स्थापना १८८७ ई. में हुई थी। हाल में वहाँ एक इंजीनियरी कालेज भी खुला है और एक मेडिकल कालेज खोलने का प्रस्ताव चल रहा है। ये सब कालेज भागलपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं जिसकी स्थापना हाल ही में हुई है।