भगदत्त प्राग्ज्योतिष (आसाम) देश के अधिपति नरकासुर भौमासुर और भूमि के पुत्र थे। एक बार भौमासुर ने इंद्र के कवच और कुंडल छीन लिए। इसपर कृष्ण ने क्रुद्ध होकर भौमासुर के सात पुत्रों का वध कर डाला। भूमि ने कृष्ण से भगदत्त की रक्षा के लिए अभयदान माँगा।
भौमासुर की मृत्यु के पश्चात् भगदत्त प्राग्ज्योतिष के अधिपति बने। भगदत्त ने अर्जुन, भीम और कर्ण के साथ युद्ध किया। हस्ति युद्ध में भगदत्त अत्यंत कुशल थे। कृतज्ञ और वज्रदत्त नाम के इनके दो पुत्र थे, इनमें कृतज्ञ की मृत्यु नकुल के हाथ से हुई। वज्रदत्त राजा होने पर अर्जुन से पराजित हुआ। (जगदीश चंद्र जैनें)