ब्लैक, जोसेफ़ (black, Joseph, सन् १७२८-९९), प्रसिद्ध रसायनज्ञ, जन्म बॉर्डो में हुआ था। बेलफास्ट (आयरलैंड) में उनकी शिक्षा प्रारंभ हुई। १७४६ ई. में वे ग्लासगो विश्वविद्यालय में औषधविज्ञान पढ़ने के लिए भर्ती हो गए और डा. क्यूलेन की शिष्यता में इन्होंने यहाँ रसायन का भी अध्ययन किया। १७५१ ई. में ये एडिनबरा विश्वविद्यालय में औषधविज्ञान का पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए आ गए। यहाँ १७५४ ई. में इन्होंने अपना मौलिक निबंध 'भोजन द्वारा जनित अम्लता और मैग्नीशियम ऐल्बा' विषय पर प्रस्तुत किया। १७५६ ई. को एक क्रांतिकारी निबंध 'मैग्नीशिया ऐल्बा, बरी का चूना और अम्ल क्षारीय पदार्थ' विषयक प्रकाशित हुआ। यह कार्य वस्तुत: इन्होंने १७५० ई. में ही आरंभ कर दिया था। १७५६ ई. में कार्बोनेटों पर और बरी के चूने के पत्थर और बरी के चूने में केवल एक गैस का अंतर है, जिसे आजकल हम कार्बन डाऑक्साइड कहते हैं और जिसका नाम ब्लैक ने 'फिक्स्ड एयर या संयुक्तवायु' रखा था। लाव्वाज्ये (Lavoisier) ने इस गैस का नाम कार्बनिक ऐसिड रखा था। १७६६ ई. में क्यूलेन ने जब एडिनबरा छोड़ा, तो ब्लैक की नियुक्ति यहाँ के विश्वविद्यालय में रसायन के प्रोफेसर के पद पर हो गई। यहाँ ये मृत्यु पर्यंत रहे। ब्लैक लोकप्रिय अध्यापक थे। इन्होंने विशिष्ट ऊष्मा एवं गुप्त ऊष्मा पर भी जो प्रयोग किए और जो विचार प्रस्तुत किए (१७५७ ई.) उनका उपयोग जेम्स वाट ने स्टीम इंजिन बनाने में किया। ब्लैक अच्छे चिकित्सक भी थे। (सत्य प्रकाश )