ब्रोमीन (Bromine) ब्रोमीन आवर्तसारणी (periodic table) के सप्तम मुख्य समूह का तत्व है और सामान्य ताप पर केवल यही अधातु द्रव अवस्था में रहती है। इसके दो स्थिर समस्थानिक (isotopes) प्राप्य हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ ७९ और ८१ है। इसके अतिरिक्त इस तत्व के ११ रेडीयोऐक्टिव (radoactive) समस्थानिक निर्मित हुए हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ ७५, ७६, ७७, ७८, ८०, ८२, ८३, ८४, ८५, ८६, और ८८ हैं।
फ्रांस के वैज्ञानिक बैलार्ड ने ब्रोमीन की १८२६ ई. में खोज की। इसकी तीक्ष्ण गंध, के कारण ही उसने इसका नाम ब्रोमीन रखा, जिसका अर्थ यूनानी भाषा में दुर्गंध होता है।
ब्रोमीन सक्रिय तत्व होने के कारण मुक्त अवस्था में नहीं मिलता। इसके मुख्य यौगिक सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम के ब्रोमाइड नामक स्थान में हैं। जर्मनी के शटासफुर्ट (Stassfurt) इसके यौगिक बहुत मात्रा में उपस्थित हैं। समुद्रतल भी इसका उत्तम स्रोत है। कुछ जलजीव एवं वनस्पति पदार्थो में ब्रोमीन यौगिक विद्यमान हैं।
निर्माण ¾ समुद्र के एक लाख भाग में केवल ७ भाग ब्रोमीन यौगिक के रूप में उपस्थित है, परंतु समुद्र के अनंत विस्तार के कारण उससे ब्रोमीन निकालना लाभकारी है, इस विधि में चार दशाएँ हैं :
(१) क्लोरीन की आक्सीकारक अभिक्रिया द्वारा ब्रोमीन की मुक्ति।
(२) वायु द्वारा विलयन से ब्रोमीन को निकालना।
(३) सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा विलयन से ब्रोमीन तत्व की मुक्ति।
इस क्रिया द्वारा प्राप्त ब्रोमीन को आसवन (distilation) द्वारा शुद्ध करते हैं
गुणधर्म ¾ ब्रोमीन गहरा लाल रंग लिए तीक्ष्ण गंध का द्रव है१ इसके वाष्प का रंग लाली लिए भूरा होता है। इसका संकेत ब्रो (Br), परमाणुसंख्या ३५, परमाणु भार ७९.९०९, गलनांक ७.२0 सें. क्वथनांक ५८० सें., घनत्व ३.१२ ग्रा. प्रति घन सेंमी., परमाणुव्यास २.२६ ऐंग्ट्रॉम A0 तथा अयनीकरण विभव ११.८४ इवो. है। ब्रोमीन जल की अपेक्षा कुछ कार्बनिक द्रवों में अधिक विलेय है।
ब्रोमीन के रासायनिक गुण क्लोरीन और आयोडीन के मध्य में हैं। यह तीव्र ऑक्सीकारक पदार्थ है और अनेक तत्वों और यौगिकों से रासायनिक क्रिया करता है। ब्रोमीन और हाइड्रोजन उच्च ताप पर विस्फोट के साथ क्रिया करते हैं तथा हाइड्रोजन ब्रोमाइड बनाते हैं, जिसमें अम्लीय (acidic) गुण हैं। प्रकाश में ब्रोमीन का विलयन आक्सीकारक विरंजन (bleaching) गुण रखता है। इस क्रिया में हाइपोब्रोमस अम्ल, हा ब्रो औ (H Br O), का निर्माण होता है, जो अस्थिर होने के कारण आक्सीजन मुक्त करता है।
ब्रो२ + २हा२औ = हाब्रो + हाब्रोऔ
(Br2 + 2H2O = HBr + HBrO)
२ हाब्रौऔ = २ हाब्रो + औ२
(2HBrO = 2HBr + O)
ब्रोमिन अनेक कार्बनिक पदार्थो से क्रिया कर व्युत्पन्न बनाता है।
हाइड्रोब्रोमिक अम्ल, हाब्रो (HBr), ब्रोमिक के अतिरिक्त ब्रोमीन अनेक ऑक्सीजन अम्ल बनाती है, जैसे हाइपोब्रोमस अम्ल, हाब्रोऔ (BHrO), ब्रोमस अम्ल, हाब्रोआै२ (HBrO2)। इन अम्लों के लवण प्राप्त हैं, जो रासायनिक क्रियाओं में उपयोगी हुए हैं। ब्रोमीन के अन्य हैलोजन तत्वों के साथ यौगिक प्राप्त हैं, जैसे, ब्रोक्लो (BrCl) ब्रोफ्लो३ (BrF3),श् ब्रोफ्लो५ (BrF5), आब्रो (IBr) आदि। ऑक्सीजन के साथ इसके तीन यौगिक प्राप्त हैं : ब्रो२औै३ (BR2O3), ब्रोऔ (BRO2) और बो३औ८ (BR3O8)। गंधक के साथ गं२ ब्रो२ (S2BR2) यौगिक भी बनता है।
उपयोग ¾ कार्बनिक व्युत्पन्नों के बनाने में ब्रोमीन का बहुत उपयोग हुआ है। एथीलीन ब्रोमाइड, का२हा४ब्रो२ (C2H4Br2) पेट्रोल उद्योग में ऐंटिनॉक (antiknock) के रूप में बहुत आवश्यक यौगिक है। अनेक कीटमारकों के निर्माण में ब्रोमीन का उपयोग होता है। ब्रोमीन के कुछ यौगिक, जैसे पोटैशियम ब्रोमाइड, ओषधि के रूप में और फोटोग्राफी क्रिया में काम आते हैं। सिलवर ब्रोमाइड, रब्रो (AgBr), प्रकाशसंवेदी (photosensitive) होने के कारण फोटोग्राफी प्लेट एवं कागज बनाने में बहुत मात्रा में काम आता है।
ब्रोमीन विषैला पदार्थ है। इसका वाष्प, आँख, नाक, तथा गले को हानि पहुँचाता है। चर्म पर गिरने पर यह ऊतकों को नष्ट करता है। इस कारण इसके उपयोग में बहुत सावधानी रखनी चाहिए। (रमेश चंद्र कपूर)