ब्रूनेल, आइसैंबार्ड किंग्डम (Brunel, Isambard Kingdom) सन् (१८०६-१८५९),श् अंग्रेज इंजीनियर, सर मा. आ. ब्रूनेल के पुत्र थे। इनका जन्म पोर्ट्समथ में हुआ था और पैरिस में इन्होंने शिक्षा पाई। जब १९ वर्ष के थे, ये टेम्स नदी के नीचे बननेवाली सुरंग के आवासी इंजीनियर नियुक्त हुए।

२४ वर्ष की उम्र में ये रॉयल सोसायटी के सदस्य चुने गए। क्लिफटन उपनगर में ऐवन (Avon) नदी पर इन्होंने पुल की योजना बनाई तथा लंदन में टेम्स नदी पर एक झूला पुल बनाया। सन् १८३३ में २७ वर्ष की अल्पावस्था में ब्रूनेल प्रस्तावित ग्रेट वेस्टर्न रेलवे के इंजीनियर नियुक्त हुए। तब तक रेल की पटरियाँ कम चौड़ी होती थीं। इन्होंने सात फुट चौड़ी, बड़ी पटरियों की रेल चलाई। कॉर्नवेल प्रदेश के साल्टऐश नगर में टेमर नदी पर इन्होंने 'रॉयल ऐल्बर्ट ब्रिज' नामक पुल बनाया।

समुद्र पर भाप द्वारा जहाज चलाने के विकास में ब्रूनेल ने प्रमुख भाग लिया। अंध महासागर के आर पार नियमित रूप से यात्रा के लिए 'ग्रेट वेस्टर्न' तथा 'ग्रेट ब्रिटेन' नामक दो जहाज बनाए। इनमें से 'ग्रेट ब्रिटेन' में, जिसकी प्रथम यात्रा सन् १८४५ में हुई थी, तीन विशेषताएँ थीं। यह न केवल विश्व का तत्कालीन सबसे बड़ा जहाज था, वरन् लोहे का बना सर्वप्रथम ऐसा जहाज था जिसमें स्क्रू नोदक (screw propeller) का प्रयोग किया गया था। इसके पश्चात् इन्होंने 'ग्रेट ईस्टर्न' नामक इससे भी बड़ा जहाज बनाया, जिसका जलावतरण सन् १८५८ में हुआ।

ब्रेनेल ने अनेक गोदियों (docks) और पायो (piers) का भी निर्माण किया, बड़ी तोपों के निर्माण में उन्नति की तथा तोपों के लिए युद्धोपयोगी तैरता हुआ परिवहन बनाया। अनेक अन्य इंजीनियरी के महत् कार्यों का श्रेय भी इन्हें प्राप्त है। (भगवान दास वर्मा)