बैंकॉक स्थिति : १३� ४५� उ. अ. तथा १००� ३५� पू. दे.। स्याम की खाड़ी से १५ मील दूर, मीनाम नदी के मुहाने पर स्थित थाईलैंड (स्याम) की राजधानी तथा बंदरगाह है। यह देश का सबसे बड़ा, सुंदर तथा अनूठा नगर है। इस नगर को 'पूर्व का वेनिस' भी कहते हैं, क्योंकि यहाँ अनेक नहरें एवं नदियाँ हैं जिनसे यातायात का कार्य करता है। पानी पर तैरनेवाले अनेक घर भी बने हैं जिन पर लोग स्थायी रूप से रहते हैं। थाईलैंड का लगभग ३० प्रतिशत से ऊपर व्यापार यहीं से होता है। यह रेलमार्ग तथा उद्योगों का भी केंद्र है। यहाँ का हवाई अड्डा दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रमुख अड्डा है। संयुक्त राज्य संगठन की अनेक संस्थाएँ पूर्वी देशों के लिए यहाँ काम करती हैं। १७६९ ई. से यह थाईलैंड की राजधानी रहा है। बौद्ध धर्म यहाँ का प्रधान धर्म है तथा इसके सैकड़ों मंदिर हैं, जिनमें से कुछ अति प्राचीन तथा भव्य हैं। एक मंदिर में मरकत की बनी बुद्ध की मूर्ति है एवं इस मंदिर का निर्माण १७८५ ई. में राजमहल के अंदर हुआ था और उसी समय मूर्ति की स्थापना भी हुई थी। मूर्ति के अलंकार और रत्नों को साल में तीन बार बदला जाता है। बैंकॉक के आस पास धान अधिक उगता है। धान की कुटाई बैंकॉक में ही होती है। यहाँ से चावल बड़ी मात्रा में जलयानों द्वारा बाहर भेजा जाता है। धान के अतिरिक्त नारियल, रबर, तंबाकू, मक्का और साग सब्जियाँ भी उगाई जाती हैं। चावल की मिलों के अतिरिक्त विद्युत् उत्पादन के कारखाने और लकड़ी चीरने के कारखाने भी हैं। यहाँ की टीक लकड़ी बहुत प्रसिद्ध है। कुछ सीमेंट और वस्त्र भी बनते हैं। यहाँ प्राचीन और अर्वाचीन संस्कृति का सम्मिश्रण मिलता है। नगर में चीनियों के अलावा बरमी, कंबोडियन और अनामी भी रहते हैं। इसकी जनसंख्या २३,००,००० (१९६०) है। (सुरेंद्रप्रताप सिंह)