बेल, अलेक्ज़ैंडर ग्राहम (सन् १८४७-१९२२) स्कॉट-अमरीकी वैज्ञानिक थे। इन्होंने एडिनबरा, लंदन एवं जर्मनी में शिक्षा, प्राप्त की। सन् १८७१ में ये कैनाडा की एक मूक एवं बधिर पाठशाला में शिक्षक हो गए। थोड़े दिन बाद, बोस्टन विश्वविद्यालय में वाक् कायिकी (Vocal physiology) के प्रोफेसर नियुक्त हुए तथा अपने पिता द्वारा चलाई हुई शिक्षाप्रणाली से मूकों एवं बधिरों को शिक्षा देते रहे। हेडेलबर्ग विश्वविद्यालय ने, महत्वपूर्ण खोजों के लिए, आपको एम.डी. की उपाधि देकर सम्मानित किया।

सन् १८७६ में बेल ने अपने टेलीफोन का प्रदर्शन कर सारे संसार को आश्चर्यचकित कर दिया। मानवीय ध्वनि को विद्युत् में परिवर्तित एवं प्रसारित करने का यह पहला प्रयोग था। बेल का टेलीफोन, बेल ग्राही यंत्र के नाम से प्रसिद्ध है। इस यंत्र में ग्राही एवं प्रेषक यंत्र एक ही प्रकार के थे। एडिसन द्वारा निर्मित, कार्बन प्रेषक यंत्र का अब अधिकांश में उपयोग किया जाता है। बेल के दूसरे महत्वपूर्ण आविष्कार, फोटोफोन एवं ग्रामोफोन, क्रमश: सन् १८८० एवं १८८७ में हुए।

बेल ने मूक एवं बधिर मनुष्यों के लिए महान् कार्य किए और उनकी शिक्षा के लिए मुक्तहस्त से दान दिया। (अंगिका प्रसाद सक्सेना)