बेरिल या बैडूर्य (Beryl)
आधुनिक युग का महत्वपूर्ण खनिज है। इसका सूत्र ऐ२
(सि औ३)६ [Be3 Al2 (Si O3)6]
है। इससे बेरिलियम धातु निकाली जाती है, जो हलकी किंतु
कठोर तथा दृढ़ होती है। अत: इसका उपयोग वायुयानों में
किया जाता है। अन्य धातुओं के साथ इसकी अनेक मिश्रधातुएँ
तैयार की जाती हैं, जो विद्युत्, कैमरा आदि उद्योगों में काम
आती हैं। बेरिल की पारदर्शक किस्म को 'पन्ना' कहते हैं,
जो एक रत्न पत्थर है तथा जिसका उपयोग आभूषणों में किया
जाता है।
बेरिल खनिज को क्षेत्र में सरलता से पहचाना जा सकता है। यह षट्कोणीय समुदाय में क्रिस्टलीकृत होता है तथा इसके क्रिस्टल प्रिज़्मीय होते हैं। इसका रंग नीला, हरा, या हल्का पीला होता है। कभी कभी यह सफेद रंग में भी मिलता है। इसकी टूट शंखाभ (conchoidal), कठोरता ७.५ से ८ तथा आपेक्षिक घनत्व २.७ है।
बेरिल के आर्थिक निक्षेप पेग्मेटाइट शिलाओं में मिलते हैं। भारत में यह खनिज राजस्थान, बिहार तथा नेलोर की पेग्मेटाइट शिलाओं से प्राप्त किया जाता है। विश्व में बेरिल उत्पादन में भारत का स्थान दूसरा है। परमाणवीय महत्व का होने के कारण इसके उत्पादन ऑकडे गोपनीय हैं।श् (महराज नारायण मेहरोत्रा)