बेंज़ैल्डिहाइड (Benzaldehyde) को बेंज़ीन कारबोनल (Benzene carbonal) तथा कड़वा बादाम का तेल (Oil of bitter almonds) भी कहते हैं। इसका सूत्र काहा. काहाऔ (C6H6. CHO) है। यह कड़वे बादाम में स्थित ग्लूकोसाइड, ऐमिग्डालिन (Amygdalin), में विद्यमान रहता है और इसके जलीय विश्लेषण द्वारा ग्लूकोज़ तथा हाइड्रोसायनिक अम्ल के साथ प्राप्त किया जा सकता था। यह एक रंगहीन द्रव है, जिसकी गंध कड़वे बादाम से मिलती जुलती है। यह पानी में बहुत कम घुलता है, परंतु ऐल्कोहॉल और ईथर में सहज विलेय है। यह पानी की भाप के साथ वाष्पशील है। दीर्घ काल तक बोतलों में रखे रहने पर, यह बहुधा हवा से ऑक्सीकृत हो जाने से ब्रेज़ोइक अम्ल में परिणत हो जाता है। इसका क्वथनांक १७९सें. है। बेंजैल्डिहाइड की रासायनिक क्रियाशीलता असाधारण है। इसी कारण इसका कार्बनिक उद्योगों में विशेष महत्वपूर्ण स्थान है। इसका वार्षिक उत्पादन २० लाख पाउंड से अधिक कूता गया है। इसके निर्माण की अनेक विधियाँ हैं, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं : (१) लोहचूर्ण उत्प्रेरक की उपस्थित में १००सें. ताप पर बेंज़ाइल क्लोराइड के जलीय विश्लेषण द्वारा; (२) ताम्र या सीस नाइट्रेट के जलीय विलयन के साथ कार्बन डाइऑक्साइड के प्रवाह में बेंज़ाइल क्लोराइड के क्वथन से; (३) वाष्प या द्रव अवस्था में टालूईन के ऑक्सीकरण से, जो नाइट्रोज़न से तनूकृत हवा द्वारा ५००सें. ताप पर मैंगनीज, मोलिब्डेनम तथा ज़रकोनियम ऑक्साइड के उत्प्रेरक से साध्य है; (४) मैंगनीज़ डाइऑक्सइड और ६५% सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा ४०सें. पर टालूईन के द्रव अवस्था में ऑक्सीकरण द्वारा तथा (५) उच्च दबाव पर (९० वायुमंडलीय दाब पर) ऐल्युमिनियम क्लोराइड उत्प्रेरित कार्बन मोनोक्साइड, बेंज़ीन और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया द्वारा। इन विधियों में विधि चार और पाँच विशेष महत्व की हैं।

बेंज़ैल्डिहाइड शिफ-अभिकर्मक के साथ गुलाबी या लाल रंग देता है। यह अमोनियामय रजत नाइट्रेट के अवकरण से चाँदी मुक्त करता है। इसका स्वत: ऑक्सीकरण (auto-oxidation) हवा से सहज ही हो जाता है और इस अभिक्रिया में परबेनज़ोइक अम्ल मध्यस्थ का कार्य करता है।

दूसरे ऐल्डिहाइडों के समान यह सोडियम बाइसल्फाइड तथा पोटैशियम सायनाइड के साथ योगशील यौगिक और हाइड्रॉक्सिल ऐमिन तथा फेनिल हाइड्रेज़िन के साथ संघनन यौगिक बनाता है। तनु क्षरीय विलयन के साथ कैनिज़ारो अभिक्रिया (Cannizaro reaction) से यह बेंज़ोइक अम्ल तथा बेंज़ाइल ऐल्कोहॉल में परिणत होता है। रासायनिक संश्लेषण में इसकी क्लेसेन (Claisen), पर्किन (Perkin) बेंज़ोइन कंडेसेशन आदि अभिक्रियाएँ और फिनोल (phenols) तथा तृतीय ऐमिनों (tertiary amines) से संघनन विशेष महत्व रखता है। इसके द्वारा अनेकानेक रंजक ओषधियाँ और रासायनिक मध्यस्थ पदार्थों का निर्माण किया जाता है। बेंज़ैल्डिहाइड का प्रयोग कुछ मात्रा में वासक (flavourging) और सुगंधित पदार्थों के निर्माण में भी किया जाता है। (रामचंद्र हरि सह'शबुद्धे)