बृहद्रथ इस नाम से कई व्यक्तियों का उल्लेख वैदिक तथा पुराणेतिहास ग्रंथों में हुआ है जो निम्नांकित हैं :

(१)�� पुराकालीन व्यक्ति की स्थिति से बृहद्रथ का सबसे प्राचीन उल्लेख ऋग्वेद (१.३६-१८) में दो बार नववास्त्व के साथ हुआ है जो इंद्र से पराजित होकर मारा गया था (ऋ. १०/४६/६)।

(२)�� चेदिराज उपरिचर वसु का पुत्र, जरासंघ का पिता जो मगध का राजा और महान् योद्धा था (महा., आदि., ५७/२९; सभा., १६/१२)।

(३)�� विदेहराज दैवराति जिसने, समस्त ब्रह्मज्ञानियों से श्रेष्ठ जानकर, याज्ञवल्क्य से तत्वज्ञान का उपदेश ग्रहण किया था।

(४)�� अंग जनपद का दानवीर राजा जो परशुराम द्वारा क्षत्रिय संहार के समय गोलांगूल की कृपा से रक्षित हुआ था।

(५)�� एक पौराणिक राजा जो पृथुलाक्ष (भा.पु.), बृहत्कर्मन् (वायु.) अथवा भद्ररथ (विष्णु.) का पुत्र था।

अन्य अनेक पौराणिक व्यक्ति इसी नाम से संबोधित हैं जो एक दूसरे से भिन्न प्रतीत होते हैं जैसे, (क) इंदुमती के पति, एक राजा (स्कंद. ६/१/३७), (ख) सूक्ष्म नामक दैत्य के अंश से उत्पन्न महाभारतकालीन राजा, (ग) कौरव सेना का एक योद्धा, (घ) तिमिराजा का पुत्र, (ङ) शतधन्वन् का पुत्र जो मौर्यवंश का अंतिम राजा था, (च) मैत्रायणी उपनिषद् में चर्चित एक ब्रह्मज्ञानी आदि। (श्याम तिवारी)